तृप्ति





दृश्य – एक
(  एक लड़की दाहिनी ओर से  दिख रही है जो कि कंप्यूटर पर कुछ काम कर रही है , अपना एटीएम् कार्ड निकाल कर कुछ पैसा ऑनलाइन पेमेंट कर रही है ,
और फिर मोबाइल निकाल कर संतोष का नंबर मिलाती है ,  फिर अपने कान और कंधे के बीच फोन रख के फ़ोन उठने का इंतज़ार करती है   )
संतोष - हां ..बोलो ..
तृप्ति  - अरे सुनो , तुम्हारा दिवाली बोनस आने वाले था ,  आ गया क्या ?
संतोष  - क्यों ? मेरे घरवालो को किडनैप करवा के फिरौती मांगनी है क्या ?
तृप्ति – ना , तुम्हारा बैंक खाता लूटना है !! J  अच्छा सुनो मैंने तुम्हे एक लिंक फेसबुक पर मेसेज किया है ज़रा देखना तो ?
संतोष - क्या क्या भेजती रहती हो यार तुम मुझे ,
तृप्ति – अरे बहुत अच्छी चीज़ है , मुझे आज ही पता चली है  जल्दी से देखो तो ..
संतोष - ठीक है मेरी माँ ..मैं घर जा कर देखता हूँ , अभी रास्ते में हूँ..रखता हूँ !
तृप्ति  ( फोन को देखते हुए ) - पागल है ये लड़का..
( तृप्ति फ़ोन रखती है , और संतोष भी फ़ोन रख कर चला जाता है )





दृश्य – दो
( संतोष घर का दरवाजा खोल कर अन्दर आता ही है कि तृप्ति का फ़ोन आने लगता है , संतोष फ़ोन काट के बिस्तर पर कूद जाता है, लैपटॉप खोलता है और मेसेज करता है कि देख रहा हूँ ..)
संतोष ( सोचते हुए ) – क्या क्या भेजती रहती है ये पगली ..
( और वेबसाइट देखना शुरू करता है , अचानक उसे डोमिनोज का प्रचार दिखता है ..एक के साथ एक मुफ्त  और तीस मिनट में ना पहुँचने पर दोनों मुफ्त.. ये देख कर खुश होता है और जल्दी से पिज़्ज़ा माँगा लेता है और तीस मिनट का काउंटडाउन लगा के नहाने चला जाता है  )
नहा के आता है और दस मिनट काउंटडाउन देखता है और खुश हो जाता है , फटाफट देख कर खुश हो जाता है और जैसे ही एक मिनट बचता है घंटी बजती है और वो दुखी हो कर दरवाजा खोलता है पिज़्ज़ा लेता है , बिल पर हस्ताक्षर कर के दे देता है



दृश्य – तीन
और उसके बाद खुश हो के पूरा पिज़्ज़ा अकेले  खाता है आखिरी टुकड़ा खाते ही कहता है
संतोष – साले ये पिज़्ज़ा वाले ठग हो गए है, दाम वही रखते है पिज़्ज़ा छोटा करते जा रहे है ,साला पेट नहीं भरा .. चल कुछ घर में ही जुगाड़ करते  है संतोष भाई !
( फिर फटा फटा दो मैगी बनाता है और खाता है  , मैगी की आखिरी चम्मच खाता है और फिर बोलता है  )
संतोष - आज लगता है मैगी से भी काम नहीं चलेग  , दो मैगी खा ली फिर भी साला पेट नहीं भरा . चलो कुछ बाहर खा के आता हूँ |
( संतोष मोटरसाइकिल उठा के खाने जाता है , और बाहर खा के आता है और सोचता है भाई पेट नही भर रहा है  पर अब जा सो जाता हूँ सुबह अपने आप सब ठीक हो जाएगा और ये सोच सोने चले जाता है |


दृश्य चार
संतोष  ( अपने दोस्त से ) - भाई मैंने आज शाम से पिज़्ज़ा खा लिया , मैगी खाली , ब्रेड-माखन खा लिया पर साला पेट नहीं भर रहा है , बता यार ऐसा क्या खाऊ जिससे पेट भर जाए ?
दोस्त  - भाई मेरा दिमाग खा ले पेट भर जाएगा , भाई परेशान मत कर , पढने दे यार !!
संतोष - यार तू समझ नहीं रहा है !

( संतोष वहाँ से चला जाता है )


दृश्य – पाँच 
सोते हुए अचानाक से उसकी आँख खुलती है , और वो ऊपर नीचे देखते है और बोलता है बिना कुछ खाए काम नहीं चलेगा और लेटे लेटे ही डोमिनोज फ़ोन करता है और कुछ खाने के लिए फ़ोन करता है तो आवाज़ आती है
“ रात ग्यारह बजे के बाद पिज़्ज़ा नहीं मिल सकता है , असुविधा के लिए खेद है ”
और  गुस्से में फ़ोन काटता है और फ्रिज से ब्रेड निकाल कर चिढ़ते हुए खाता है और गलती से अपनी जीभ काट लेता है और परेशान हो जाता है कहता है
संतोष - साला खाना खा खा कर मुंह दर्द करने लगा , साला पेट नहीं भर रहा है !
और गुस्से में एक पाकेट बिस्कुट निकलता है और खाने के बिस्तर पर कूद जाता है और उसकी नज़र झुकी हुयी लैपटॉप का स्क्रीन ऊपर करता है और उलटी नज़र से देखता है ..
SHARE A BYTE , FEEL SATISFIED . ” Just food cannot fulfil your hunger.
वो ये पढता है  ,  झट पलट कर देखता है और कहता है
संतोष - ओह भाई ( जल्दी से अपनी जेब से कार्ड निकालता है और पैसे ट्रान्सफर करता है  )

फिर बिस्कुट उठाता पर पर उसकी भूख तृप्त हो जाती है तो वह बिस्कुट छोड़ देता है  और बत्ती बंद कर सो जाता है !