दिल्ली चुनाव











दिल्ली में फिर कोई खांस रहा है ,
ओह्हू ओहू
लगता है चुनाव आ रहा है  ,
ओह्हू ओहू ,
नेता फिर आम का दिखावा कर रहे है ,
और कुछ आमख़ास बनने का बनने का दावा कर रहे है ,
ओह्हू ओहू !!

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मुफ्त के कम्बल बटने लगे है ,
ओह्हू ओहू
महंगाई के बादल छटने लगे है ,
ओह्हू ओहू ..
दबे -कुचलो की फिर याद आई है लोगो को ,
और कुछ बेघर- घर-वापसी करने लगे है
ओह्हू ओहू  !!

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कुछ के ईमान बिक रहे है ,
ओह्हू ओहू ,
कुछ के भगवान् बिक रहे है ,
ओह्हू ओहू
कल देश बेचने वाले , आज जनता खरीद रहे है,
और खुद भोले इंसान बिक रहे है ,
ओह्हू ओहू  !!!