तू ठान ले

तू ठान ले,

पकड़ ले ज़िद,

कि लक्ष्य तेरा साफ़ है 


क्या रास्ते,

क्या मुश्किलें,

तू स्वयं सबका बाप है !


ना हारने का भय तुझे

ना और कोई लोभ है

जो है बस ये लक्ष्य है

तो और क्या प्रयोग है !


बाधा मिलेमिले प्रलय,

या कोई छल करे कहीं

तू रुक नहींतू डर नहीं 

चला-चल जब-तक साँस है !


ये अंकुरित प्रभा नहीं,

वर्षों की तेरी आस है

विश्वास कर और हो अटल

कि सामर्थ्य तेरे पास है !


तू ठान ले,

पकड़ ले ज़िद,

कि लक्ष्य तेरा साफ़ है 


क्या रास्ते,

क्या मुश्किलें,

तू स्वयं सबका बाप है !