मेरा गुस्सा ,
घमण्ड , गुरूर ,
सब टूट जाता है तुम्हे देख कर !
पर कैसे भूल जाऊं कि
तुम्हारी आँखों में
अब मेरा इंतज़ार नहीं ,
और कैसे भूल जाऊ
कि तुम्हे मुझसे प्यार नहीं !
घमण्ड , गुरूर ,
सब टूट जाता है तुम्हे देख कर !
पर कैसे भूल जाऊं कि
तुम्हारी आँखों में
अब मेरा इंतज़ार नहीं ,
और कैसे भूल जाऊ
कि तुम्हे मुझसे प्यार नहीं !
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