तुम्हारे चेहरे पर

तुम्हारे चेहरे पर 

मेरी नज़र होगी उम्र भर ,

याद है न , तेरी आँखों में किसका 

चेहरा नज़र आता है हमसफ़र ।


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न साँस ,न दर्द ,न आँसू 

न सुबह, न ही पहर 

फिर जा रही हो तुम

और मैं फिर गया ठहर !


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चार पल साथ थे 

फिर क्यूँ ये ज़िंदगी भर का ग़म 

इस बार बिछड़े तो क्या 

पर मिलेंगे हम अगले जनम ।

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