उलझने
सुलझने का नाम नहीं लेती,
और कोई कहता है
कि हम मुस्कुराते कम है !
हर शाम
बदनाम कर जाती है,
असमंजस
कभी समंजस नहीं आने देता,
अच्छा लगा तो बताओ , नहीं जमा तो भी बता दो यार !
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अच्छा लगा तो बताओ , नहीं जमा तो भी बता दो यार !