दिल लेने आया हूँ |

बिकने लगे जब प्यार तो एक भेज देना ख़त मुझे ,
उस नीलामी में बोली वो महंगी मैं लगाने आऊंगा.
मत पूछना कि दाम इतना ज्यादा क्यों देने लगा
बस जान लेना कि दिल है मेरा, बस वो ही लेने आया हूँ..!!

अब सीखा है !!

इंतज़ार करवाना आदत पुरानी है तुम्हारी, 
उसके बाद भी न आना तुमने अब सीखा है , 
जलाया तो पहले भी करती थी गैरो से बतिया कर हमे ,
बस,  जले पर नमक लगाना अब सीखा है !!

छोटी बातो पे रूठा करते थे हम पहले भी , 
पर खुद को खुद ही मनाना हमने अब सीखा है , 
याद तो पहले भी करता था दिल तुमको ,
पर इसको खुद ही चुप कराना हमने अब सीखा है ||

झूठ को सच बताती थी पहले भी तुम मुझसे  ,
बस मेरी झूठी कसमे खाना , तुमने अब सीखा है ,
पीया तो पहले भी किया करते थे हम गम में तेरे   , 
बस , नशे में आंसू बहाना हमने अब सीखा है |

पुराने आशिक

पुराने हो चुके हैं हम ,
 बदल डालो  या
 बेच डालो रद्दी के भाव
 मोहब्बत के बाज़ार में |

आशिकी हमारी
 इतनी सस्ती भी नहीं
कि तुम्हे इक नया दीवाना
खरीदने का दाम भी न मिल सके |

:

ये वफ़ा की वकालत करने वाले ही क्यों करते है बेवफाई ,
तोड़ देते है दिल आशिक का , फिर क्यों देते है फिर झूठी सफाई |
जब खेलना ही होता है मोहब्बत के नाम पर तो किसी पेशेवर से मिलते
पहन भोली सूरत का मुखौटा फ़साने क्यों मेरी तरफ आई |