ये वफ़ा की वकालत करने वाले ही क्यों करते है बेवफाई ,
तोड़ देते है दिल आशिक का , फिर क्यों देते है फिर झूठी सफाई |
जब खेलना ही होता है मोहब्बत के नाम पर तो किसी पेशेवर से मिलते
पहन भोली सूरत का मुखौटा फ़साने क्यों मेरी तरफ आई |
तोड़ देते है दिल आशिक का , फिर क्यों देते है फिर झूठी सफाई |
जब खेलना ही होता है मोहब्बत के नाम पर तो किसी पेशेवर से मिलते
पहन भोली सूरत का मुखौटा फ़साने क्यों मेरी तरफ आई |
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