पुराने आशिक

पुराने हो चुके हैं हम ,
 बदल डालो  या
 बेच डालो रद्दी के भाव
 मोहब्बत के बाज़ार में |

आशिकी हमारी
 इतनी सस्ती भी नहीं
कि तुम्हे इक नया दीवाना
खरीदने का दाम भी न मिल सके |

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