मुझे मजबूर न कर ,
बेवफा हो जाने को
मत दोहरा अब उस पुराने बहाने को ,
इश्क़ में दिल हारे है ,
पर हारे नहीं हैं राजन
आज भी हुस्न हाजिर है ,
हमें अपना बनाने को |
बेवफा हो जाने को
मत दोहरा अब उस पुराने बहाने को ,
इश्क़ में दिल हारे है ,
पर हारे नहीं हैं राजन
आज भी हुस्न हाजिर है ,
हमें अपना बनाने को |